ये वो फोटो है, जो एक कडुआ सच का सामना करवाती है, जिसको हम और आप ने एक
गलत इतिहास के रूप में जाना है, हमें जो दिखाया गया है हमने वो देखा है,
लेकिन सच क्या है ये बहुत ही कठिन है, इस पोस्ट में जो डेड बॉडी पड़ी हुई
है वो किसी और की नहीं भारत की... रूप रेखा बिगाड़ने वाले जवाहर लाल नहर
वाले जो गयासुद्दीन गाजी के वंशज है जिसे
हम लोग जवाहर लाल नेहरु के नाम से जानते है, के सम्मछ जो व्यक्ति खड़े है
वो कोई और न...हीं भारत के सबसे महान सेनानी स्व० नेता सुभाष चन्द्र बोस
खड़े है, अब ये बात सामने आती है इसमें गलत इतिहास क्या है, तो वो ये है की
उनकी म्रत्यु की सूचना की तारीख है जो हमें १९४५ बताई गयी है, अगर वो
दिनांक सही है तो १९६४ में जवाहर की बॉडी के पास कौन है, ऐसे ही न जाने
कितने रास्ट्रीय पुत्रो, महानायकों, महावीरो, शहीदों का आज तक कोई भी पता न
लग पाया की आखिर उनके साथ क्या हुआ, भारत में आजादी के बाद से राज करने
वाली कांग्रेस ने केवल भारत को छला है जिस समय भारत जैसे देश में प्रति
व्यक्ति का प्रति दिन का खर्चा ३ आने(पैसे) हुआ करता था उस समय नहर
वाले(नेहरु) का प्रति दिन का २५००० रुपे होता था, जिस पर स्व० राम मनोहर
लोहिया ने इसका विरोध किया था, ये सब तो वो चीजे है की इसके गलत इरादे
बताना मतलब समुद्र से पानी की एक बाल्टी पानी निकालने के बराबर है, यहाँ हम
बात कर रहे है स्व० भारत रत्न (मेरी नजर में) सुभाष चन्द्र जी की, की क्या
ऐसी परिस्थितिया हुई जो इनको १९४५ में ये अफवाह फैलाना पड़ा की उनकी
म्रत्यु हो गयी, और उन्हें देश से १९६० तक के लिए देश निकाला दे दिया गया,
और रसिया की जेल में बैरक न० २११ में एक कैदी की जिन्दगी बितानी पड़ी, और
वापस आने के बाद अज्ञात वाश में रहना पड़ा, बहुत ही कम लोगो को जानकारी
होगी की स्व० भारत रत्न (मेरी नजर में) सुभाष चन्द्र जी की म्रत्यु १९७७
में देहरादून में महर्षि शारदा नन्द के रूप में हुई, स्व० भारत रत्न (मेरी
नजर में) सुभाष चन्द्र जी की एक बेटी भी है अनीता बोसे जो आज भी जीवित है
लेकिन गुमनामी के अँधेरे में कही है, मेरे द्वारा दिए गए प्रत्येक चीजे कई
किताबो से ली हुयी है, व् प्रमादित है ! आप सब से उम्मीद है के आप सब इस
पोस्ट को हर एक देशप्रेमी की वाल पर टेग करे जय हिंद जय भारत .... भारत
माता की जय ..
In : BRAHMAN, MAHASABHA,BIKANER BHAGWAN PARSHURAM
Tags: hindu
brahman
india
subhashchandra boss
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ये वो फोटो है, जो एक कडुआ सच का सामना करवाती है, जिसको हम और आप ने एक
गलत इतिहास के रूप में जाना है, हमें जो दिखाया गया है हमने वो देखा है,
लेकिन सच क्या है ये बहुत ही कठिन है, इस पोस्ट में जो डेड बॉडी पड़ी हुई
है वो किसी और की नहीं भारत की... रूप रेखा बिगाड़ने वाले जवाहर लाल नहर
वाले जो गयासुद्दीन गाजी के वंशज है जिसे
हम लोग जवाहर लाल नेहरु के नाम से जानते है, के सम्मछ जो व्यक्ति खड़े है
वो कोई और न...हीं भारत के सबसे महान सेनानी स्व० नेता सुभाष चन्द्र बोस
खड़े है, अब ये बात सामने आती है इसमें गलत इतिहास क्या है, तो वो ये है की
उनकी म्रत्यु की सूचना की तारीख है जो हमें १९४५ बताई गयी है, अगर वो
दिनांक सही है तो १९६४ में जवाहर की बॉडी के पास कौन है, ऐसे ही न जाने
कितने रास्ट्रीय पुत्रो, महानायकों, महावीरो, शहीदों का आज तक कोई भी पता न
लग पाया की आखिर उनके साथ क्या हुआ, भारत में आजादी के बाद से राज करने
वाली कांग्रेस ने केवल भारत को छला है जिस समय भारत जैसे देश में प्रति
व्यक्ति का प्रति दिन का खर्चा ३ आने(पैसे) हुआ करता था उस समय नहर
वाले(नेहरु) का प्रति दिन का २५००० रुपे होता था, जिस पर स्व० राम मनोहर
लोहिया ने इसका विरोध किया था, ये सब तो वो चीजे है की इसके गलत इरादे
बताना मतलब समुद्र से पानी की एक बाल्टी पानी निकालने के बराबर है, यहाँ हम
बात कर रहे है स्व० भारत रत्न (मेरी नजर में) सुभाष चन्द्र जी की, की क्या
ऐसी परिस्थितिया हुई जो इनको १९४५ में ये अफवाह फैलाना पड़ा की उनकी
म्रत्यु हो गयी, और उन्हें देश से १९६० तक के लिए देश निकाला दे दिया गया,
और रसिया की जेल में बैरक न० २११ में एक कैदी की जिन्दगी बितानी पड़ी, और
वापस आने के बाद अज्ञात वाश में रहना पड़ा, बहुत ही कम लोगो को जानकारी
होगी की स्व० भारत रत्न (मेरी नजर में) सुभाष चन्द्र जी की म्रत्यु १९७७
में देहरादून में महर्षि शारदा नन्द के रूप में हुई, स्व० भारत रत्न (मेरी
नजर में) सुभाष चन्द्र जी की एक बेटी भी है अनीता बोसे जो आज भी जीवित है
लेकिन गुमनामी के अँधेरे में कही है, मेरे द्वारा दिए गए प्रत्येक चीजे कई
किताबो से ली हुयी है, व् प्रमादित है ! आप सब से उम्मीद है के आप सब इस
पोस्ट को हर एक देशप्रेमी की वाल पर टेग करे जय हिंद जय भारत .... भारत
माता की जय ..
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ये वो फोटो है, जो एक कडुआ सच का सामना करवाती है, जिसको हम और आप ने एक
गलत इतिहास के रूप में जाना है, हमें जो दिखाया गया है हमने वो देखा है,
लेकिन सच क्या है ये बहुत ही कठिन है, इस पोस्ट में जो डेड बॉडी पड़ी हुई
है वो किसी और की नहीं भारत की... रूप रेखा बिगाड़ने वाले जवाहर लाल नहर
वाले जो गयासुद्दीन गाजी के वंशज है जिसे
हम लोग जवाहर लाल नेहरु के नाम से जानते है, के सम्मछ जो व्यक्ति खड़े है
वो कोई और न...हीं भारत के सबसे महान सेनानी स्व० नेता सुभाष चन्द्र बोस
खड़े है, अब ये बात सामने आती है इसमें गलत इतिहास क्या है, तो वो ये है की
उनकी म्रत्यु की सूचना की तारीख है जो हमें १९४५ बताई गयी है, अगर वो
दिनांक सही है तो १९६४ में जवाहर की बॉडी के पास कौन है, ऐसे ही न जाने
कितने रास्ट्रीय पुत्रो, महानायकों, महावीरो, शहीदों का आज तक कोई भी पता न
लग पाया की आखिर उनके साथ क्या हुआ, भारत में आजादी के बाद से राज करने
वाली कांग्रेस ने केवल भारत को छला है जिस समय भारत जैसे देश में प्रति
व्यक्ति का प्रति दिन का खर्चा ३ आने(पैसे) हुआ करता था उस समय नहर
वाले(नेहरु) का प्रति दिन का २५००० रुपे होता था, जिस पर स्व० राम मनोहर
लोहिया ने इसका विरोध किया था, ये सब तो वो चीजे है की इसके गलत इरादे
बताना मतलब समुद्र से पानी की एक बाल्टी पानी निकालने के बराबर है, यहाँ हम
बात कर रहे है स्व० भारत रत्न (मेरी नजर में) सुभाष चन्द्र जी की, की क्या
ऐसी परिस्थितिया हुई जो इनको १९४५ में ये अफवाह फैलाना पड़ा की उनकी
म्रत्यु हो गयी, और उन्हें देश से १९६० तक के लिए देश निकाला दे दिया गया,
और रसिया की जेल में बैरक न० २११ में एक कैदी की जिन्दगी बितानी पड़ी, और
वापस आने के बाद अज्ञात वाश में रहना पड़ा, बहुत ही कम लोगो को जानकारी
होगी की स्व० भारत रत्न (मेरी नजर में) सुभाष चन्द्र जी की म्रत्यु १९७७
में देहरादून में महर्षि शारदा नन्द के रूप में हुई, स्व० भारत रत्न (मेरी
नजर में) सुभाष चन्द्र जी की एक बेटी भी है अनीता बोसे जो आज भी जीवित है
लेकिन गुमनामी के अँधेरे में कही है, मेरे द्वारा दिए गए प्रत्येक चीजे कई
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